आर. अश्विन का ऑलराउंडर अंदाज:
भारतीय टीम के अनुभवी क्रिकेटर आर. आर. अश्विन को आमतौर पर उनकी धारदार गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन जब भी टीम को मुश्किल हालात से उबारने की बात आती है, अश्विन बल्ले से भी टीम को सहारा देने का हुनर रखते हैं। चेन्नई टेस्ट के पहले दिन जब भारत की बल्लेबाजी लड़खड़ा रही थी, उस समय अश्विन ने बेहतरीन अर्धशतक लगाकर बांग्लादेश के खिलाफ टीम को स्थिरता दी। यह पारी उनकी क्रिकेटिंग काबिलियत और धैर्य का एक और शानदार उदाहरण थी।
भारत की खराब शुरुआत के बाद आर. अश्विन का दमदार प्रदर्शन:
पहली पारी में भारतीय टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे स्टार बल्लेबाज मात्र 10 ओवर के भीतर ही आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे। टीम इंडिया की हालत उस वक्त नाजुक थी जब अश्विन ने नंबर 8 पर बल्लेबाजी करने के लिए क्रीज पर कदम रखा। ऐसे मुश्किल वक्त में अश्विन ने जिम्मेदारी ली और अपने आक्रामक अंदाज से बांग्लादेशी गेंदबाजों पर दबाव बना दिया।
58 गेंदों में आर. अश्विन पूरा किया अर्धशतक:
अश्विन ने आते ही अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाना शुरू किया। उन्होंने बेहद संयमित लेकिन आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए महज 58 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। ये उनके टेस्ट करियर का 15वां अर्धशतक था। खास बात ये रही कि अश्विन के पिता वीआईपी बॉक्स में बैठकर अपने बेटे की इस शानदार पारी को देख रहे थे। अपने पिता के सामने अश्विन का ये प्रदर्शन उनके करियर का खास पल था, और दर्शकों के लिए भी एक यादगार लम्हा।
बल्लेबाजी से टीम को बचाया संकट से:
आर. अश्विन जब क्रीज पर आए, तो भारत का स्कोर 6 विकेट पर 80 रन के करीब था। टीम ने अपने दो प्रमुख बल्लेबाज, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल, को बेहद कम स्कोर पर गंवा दिया था, जिससे बांग्लादेशी गेंदबाजों का आत्मविश्वास बढ़ गया था। लेकिन अश्विन के आते ही हालात बदलने लगे। उन्होंने पहली ही गेंद से शानदार शॉट खेलकर मैदान पर अपना दबदबा बनाया। उनके शॉट देखकर हेड कोच गौतम गंभीर भी चौंक गए थे। अश्विन ने तेजी से रन बटोरते हुए रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी बनाई और भारत की पारी को स्थिरता दी। इस साझेदारी के दौरान अश्विन ने महज 58 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर दिखाया कि मुश्किल हालात में वे टीम के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
अश्विन की हालिया फॉर्म:
हाल के दिनों में आर. अश्विन ने बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया है। भले ही उन्हें गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी बल्लेबाजी की काबिलियत टेस्ट क्रिकेट में बार-बार साबित हुई है। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अब तक 5 शतक लगाए हैं, जो किसी भी ऑलराउंडर के लिए एक बेहतरीन उपलब्धि मानी जाती है। यही नहीं, हाल ही में तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में उन्होंने लगातार तीन अर्धशतक जमाकर अपनी टीम डिंडिगुल को चैंपियन बनाया था। अश्विन की इस लय को देखकर यह साफ था कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी बल्लेबाजी का दमखम दिखाने के लिए तैयार थे, और चेन्नई टेस्ट में उन्होंने वही किया। इस पारी से न केवल उन्होंने टीम को संकट से उबारा, बल्कि अपने ऑलराउंडर कौशल को भी और मजबूत किया।
चेपॉक मैदान पर अश्विन का शानदार रिकॉर्ड:
चेन्नई का चेपॉक मैदान अश्विन के लिए बेहद खास रहा है। इस मैदान पर उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है। अश्विन ने यहां खेले गए 5 टेस्ट मैचों में लगभग 48 की औसत से 300 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक भी शामिल है। यह शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लगाया था। उनकी बल्लेबाजी का यह प्रदर्शन दिखाता है कि चेपॉक की परिस्थितियों में वे कितने सहज और आत्मविश्वासी होते हैं।
इसके अलावा, गेंदबाजी में भी अश्विन का चेपॉक में बेहतरीन रिकॉर्ड है। इस मैदान पर उन्होंने चार बार पारी में 5 विकेट हासिल किए हैं और कुल 30 विकेट चटकाए हैं। बांग्लादेशी बल्लेबाजों के लिए यह एक बड़ी चेतावनी है कि अश्विन की गेंदबाजी का जादू अभी बाकी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस टेस्ट में आगे चलकर वे गेंद से क्या कारनामा दिखाते हैं।
एक सच्चे ऑलराउंडर का प्रदर्शन:
आर. अश्विन ने इस पारी से एक बार फिर साबित किया कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के एक सच्चे ऑलराउंडर हैं। जब टीम को उनकी गेंदबाजी की जरूरत होती है, तो वे विरोधी टीम को पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ते, और जब टीम संकट में होती है, तो वे बल्ले से भी एक मजबूत दीवार बनकर खड़े होते हैं। अश्विन का यह प्रदर्शन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ।
इस पारी के बाद सभी की नजरें अब अश्विन की गेंदबाजी पर होंगी, और बांग्लादेश को इस चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।
READ THIS ALSO
Ananya Pandey Call Me Bae Review: क्या ‘कॉल मी बे’ ने ‘एमिली इन पेरिस’ को पीछे छोड़ा?