दिल्ली में वायु प्रदूषण इस बार खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार से शुरू हुई प्रदूषण की यह बढ़ोतरी बुधवार तक बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गई। AQI Delhi लगातार “खतरनाक” श्रेणी में बना हुआ है, जहां अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार दर्ज किया गया है। दिल्ली की जहरीली हवा लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। ठंडी हवा की धीमी गति और बढ़ती सर्दी ने हालात और गंभीर बना दिए हैं।
AQI Delhi: राजधानी के इलाकों में प्रदूषण का हाल
इलाका | AQI स्तर |
---|---|
अलीपुर | 473 |
आनंद विहार | 481 |
अशोक विहार | 461 |
बवाना | 472 |
बुराड़ी क्रॉसिंग | 483 |
मथुरा रोड | 466 |
सोनिया विहार | 463 |
नेहरू नगर | 480 |
द्वारका सेक्टर-8 | 457 |
आईटीओ | 455 |
जहांगीरपुरी | 469 |
आरके पुरम | 462 |
दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। मंदिर मार्ग, पंजाबी बाग, और रोहिणी जैसे इलाकों में भी AQI 450 के करीब है।
क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण?
प्रदूषण के अचानक बढ़ने की एक बड़ी वजह हवा की धीमी गति है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सर्दी के मौसम में ठंडी और स्थिर हवा के कारण प्रदूषण के कण वायुमंडल में स्थिर हो जाते हैं। सोमवार से शुरू हुई इस धीमी हवा ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को तेजी से बढ़ा दिया। साथ ही, स्थानीय गतिविधियां जैसे निर्माण कार्य, वाहनों का धुआं, और पराली जलाने से उत्पन्न धुआं भी हवा में जहर घोल रहे हैं।
GRAP-4 लागू: क्या हो रहे हैं उपाय?
दिल्ली में AQI Delhi के खतरनाक स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत:
- निर्माण और तोड़फोड़ के कामों पर सख्त पाबंदी।
- कोयले और लकड़ी से जलने वाले ईंधन पर रोक।
- सड़कों पर पानी का छिड़काव।
- औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण।
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के प्रयास।
सरकार लोगों से निजी वाहनों का उपयोग कम करने और कारपूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील कर रही है।
स्वास्थ्य पर प्रदूषण का असर
दिल्ली में AQI Delhi का 450 के पार पहुंचना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। जहरीली हवा से सांस की समस्याएं, आंखों में जलन, और फेफड़ों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक असर: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों और बुजुर्गों को इस जहरीली हवा से ज्यादा खतरा है।
- लंबे समय तक जोखिम: लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से दमा और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
- तत्काल प्रभाव: कई लोगों को सिरदर्द, गले में जलन, और थकावट जैसी समस्याएं हो रही हैं।
राहत कब मिलेगी?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिन तक दिल्ली की हवा में सुधार की संभावना नहीं है। शुक्रवार, 20 दिसंबर को हवाओं की गति तेज होने और आसमान साफ होने की उम्मीद है। इससे वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन यह अभी भी “खराब” श्रेणी में बनी रह सकती है।
बचाव के तरीके
दिल्ली में AQI Delhi के खतरनाक स्तर से बचने के लिए नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- मास्क का इस्तेमाल करें: एन-95 मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें।
- सुबह और शाम के समय सावधानी: इस समय प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है, इसलिए बाहर जाने से बचें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: घर में हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर लगाएं।
- बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें: इन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दें।
- पौधे लगाएं: घर और आसपास के इलाकों में वायु को शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं।
दिल्ली के लोगों की जिम्मेदारी
दिल्ली में हर साल बढ़ते प्रदूषण के लिए केवल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराना काफी नहीं है। नागरिकों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। निजी वाहनों का उपयोग कम करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें, और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचें।
निष्कर्ष
दिल्ली में AQI Delhi के खतरनाक स्तर ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम अपनी अगली पीढ़ी को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा दे पाएंगे? सरकार के साथ-साथ आम जनता को भी प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना होगा। जब तक हम ठोस उपाय नहीं करेंगे, तब तक हर साल यह समस्या गंभीर होती जाएगी।
दिल्लीवासियों को इस समय सतर्क रहने और प्रदूषण से बचाव के सभी उपाय अपनाने की जरूरत है।
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